Paramparagat Krishi Vikas Yojana: Ministry Of Agriculture and Farmers Welfare के द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित करना और देश में स्थायी कृषि को बढ़ावा देना है। यह योजना राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन का एक विस्तारित घटक है।
आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी को Paramparagat Krishi Vikas Yojana के बारे में बताने वाले है। यदि आप भी इस कल्याणकारी योजना के लाभ लेना चाहते है तो आपके लिए आज के यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए आप इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana: Overview
Name of Scheme | Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) |
Ministry | Ministry Of Agriculture and Farmers Welfare |
Article Name | Paramparagat Krishi Vikas Yojana |
Article Type | Sarkari Yojana |
Application Mode | Offline |
Homepage | BiharHelp.com |
परंपरागत कृषि विकास योजना – Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY)
आज के इस आर्टिकल में हम देश के सभी किसानों को बहुत- बहुत हार्दिक स्वागत करते है। आज हम आप सभी को इस लेख के माध्यम से परंपरागत कृषि विकास योजना के बारे में बताएंगे। जिससे की आप सभी इस योजना के लिए आवेदन करके इसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे। आप सभी को बता दे की इस योजना के उद्देश्य रासायनिक खादों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करके मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना और पर्यावरण को बचाना।
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यदि आप भी इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) के लिए आवेदन करना चाहते है तो आप इस लेख को अंत तक और पूरे ध्यान पूर्वक पढ़ें क्योंकि इस लेख में हम इस योजना के बारे में विस्तार से बताए हुए है। इसलिए आप इसे अंत तक जरूर पढ़ें।
परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है?
परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे मिट्टी की सेहत में सुधार होता है।
PKVY, भारत के लिए सहभागी गारंटी प्रणाली (पीजीएस-इंडिया) को बढ़ावा देता है। यह एक ऐसी जैविक प्रमाणन प्रणाली है जो पारस्परिक विश्वास पर आधारित होती है और इसमें उत्पादकों और उपभोक्ताओं की सक्रिय भागीदारी होती है। यह तीसरे पक्ष के प्रमाणन से अलग है।
वित्तीय सहायता
- केन्द्र और राज्य सरकारें इस योजना के लिए 60:40 के अनुपात में धनराशि प्रदान करती हैं।
- उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्य के लिए यह अनुपात 90:10 है।
- केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए केन्द्र सरकार 100% धनराशि प्रदान करती है।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana Benefits
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) के लाभ निम्नलिखित है-
- जैविक खेती को बढ़ावा देना: इस योजना का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना है। इससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार होता है और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है।
- स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य उत्पादन: जैविक खेती से रासायनिक खादों और कीटनाशकों के उपयोग में कमी आती है, जिससे स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य उत्पाद का उत्पादन होता है।
- सीधे बाजार संपर्क: यह योजना किसानों को सीधे स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने में मदद करती है, जिससे उन्हें अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिलता है।
- किसान सशक्तीकरण: पीकेवीवाई किसानों को क्लस्टर और समूहों के रूप में संगठित होने और उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य वर्धन और प्रमाणन प्रबंधन की क्षमता विकसित करने में सहायता करती है, जिससे किसानों का सशक्तीकरण होता है।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana Eligibility
परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत सभी किसान या संस्थाएं आवेदन कर सकती हैं। हालांकि, अधिकतम भूमि सीमा 2 हेक्टेयर है। इसका मतलब यह है कि एक किसान या संस्था अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि पर ही इस योजना का लाभ उठा सकता है। यह सीमा इसलिए रखी गई है ताकि अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके और छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जा सके।
Documents Required For Paramparagat Krishi Vikas Yojana
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हो सकते हैं, योजना के हस्तक्षेप के प्रकार और राज्य के आधार पर आवश्यक दस्तावेजों में भिन्नता हो सकती है।
- आधार कार्ड
- भूलेख दस्तावेज
- जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग)
- मोबाइल नंबर विवरण
- बैंक विवरण
- फोटो
- डीपीआर (Detail Project Report)
How To Apply for Paramparagat Krishi Vikas Yojana?
आप सभी इस योजना के लिए आवेदन नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके कर सकते है-
- चरण 1: इच्छुक आवेदक को अपने संबंधित राज्य के क्षेत्रीय परिषदों से संपर्क और संवाद करना होगा।
- चरण 2: क्षेत्रीय परिषदें सभी आवेदनों को समेकित करती हैं और वार्षिक कार्य योजना विकसित करती हैं।
- चरण 3: राज्य के क्षेत्रीय परिषदों द्वारा संकलित वार्षिक कार्य योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को प्रस्तुत की जाती है।
- चरण 4: केंद्र द्वारा राज्यों को धनराशि जारी की जाती है।
- चरण 5: किसानों/व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय परिषदों को और धनराशि जारी की जाती है।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी को Paramparagat Krishi Vikas Yojana के बारे में सभी जानकारी को सही- सही और विस्तार से आप सभी के साथ में साझा किए है। परंपरागत कृषि विकास योजना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे देश में स्थायी कृषि को बढ़ावा मिल रहा है। यह योजना न केवल किसानों की आय में वृद्धि कर रही है बल्कि पर्यावरण को भी बचा रही है।
यदि आपको आज के यह लेख पसंद आया है तो आप इसे अपने दोस्तों और परिवारों के साथ में शेयर जरूर करें ताकि वह भी इस परंपरागत कृषि विकास योजना के लाभ ले सके। इस लेख से जुड़ी कोई प्रश्न है तो आप हमें नीचे के कॉमेंट सेक्शन में अपना कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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